तू ही राम है , तू रहीम है ,
तू करीम कृष्ण खुदा हुआ ।
तू ही वाहे गुरू , तू ईशु मसीह ,
हर नाम में तू समा रहा ।।
तेरी जात पाक कुरान में ,
तेरी दरस वेद पुराण में ।
गुरु ग्रन्थ जी के बखान में ,
तू प्रकाश अपना दिखा रहा । ।
तू ही राम है.......
अरदास है कहीं आह्वान ।
विधि वेद का है यह सब रचन ,
तेरा भक्त तुझको बुला रहा । ।
तू ही राम है........
हमको मन की शक्ति देना , मन विजय करें ,
दूसरों की जय से पहले , खुद को जय करें ।
हमको मन की शक्ति देना………
भेद भाव अपने दिल से, साफ कर सकें ।
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें ,
दूसरो की जय से पहले, खुद की जय करें ।
हमको .......
मुश्किलें पड़े जो हम पर, इतना कर रहम,
साथ दें तो धर्म का चलें तो धर्म पर ।
खुद पे हौसला रहे, बदी से न डरें ,
दूसरों की जय से पहले खुद को जय करें ।
हमको......
O, Great God in the heaven above,
At Thy feet in faith and love,
We Thy little children gather,
Calling on You as our Father,
Guide and guard us on the way,
Draw us closer day by day,
Keep us pure and kind and true,
Till we reach our home with You.
हे जग त्राता, विष्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे ।
प्रेम के सिंधु, दीन के बंधु, दुःख दरिद्र विनाशन हे ।
नित्य अखण्ड, अनन्त अनादि, पूरण, ब्रहम, सनातन है ।।
हे.........
जग आश्रय, जग पति जग बंधन, अनुपम, अलख, निरंजन है ।
प्राण सखा, त्रिभुवन प्रति पालक, जीवन के अवलम्बन हे ।।
हे. .........
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना ।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।।
हमारे ध्यान मी आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ ।
अँधेरे दिल में आ करके, परम ज्योति जगा देना ।।
बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर ।
हमें आपस में मिलजुल कर, प्रभू रहना सिखा देना ।।
हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा ।
सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना ।।
वतन पर जॉ फिदा करना, प्रभू हमको सिखा देना ।।
दया कर दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना ।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।।
इतनी शक्ति हमे देना दाता,
मन का वि’वास कमजोर हो ना ।
हम चलें नेक रस्ते पे हम से,
भूल कर भी कोई भूल हो न ।
दूर अज्ञान के हों अँधेरे,
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे ।
हर बुराई से बचते रहें हम ,
जितनी भी दे भली जिन्दगी दे ।
बैर हो न किसी को किसी से,
भावना मन में बदले की हो न ।
हम न सोचें हमें क्या मिला है ,
हम ये सोचें, किया क्या अर्पण ।
फूल खुशियों के बाँटें सभी को,
सब का जीवन ही बन जाये मधुबन ।
अपनी करुणा का जल तू बहा कर,
कर दे पावन हर एक मन का कोना ।
इतनी शक्ति………